शेखपुरा में बिहार बंद का असर: विजय सम्राट समेत कई नेता गिरफ्तार
🔹 बिहार बंद की पृष्ठभूमि
मंगलवार को शेखपुरा जिले में चुनाव आयोग की नीतियों के विरोध में बुलाए गए बिहार बंद का गहरा असर देखने को मिला। इस बंद का नेतृत्व राजद, वामदल और कांग्रेस के नेताओं ने मिलकर किया, जिसमें स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं की भारी भागीदारी रही।
🔹 चांदनी चौक पर प्रदर्शन और चक्का जाम
- प्रदर्शन की अगुवाई राजद विधायक विजय सम्राट ने की।
- शहर के प्रमुख स्थान चांदनी चौक पर सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने धरना देकर चक्का जाम कर दिया।
- प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की, जिससे पूरे नगर की यातायात व्यवस्था ठप हो गई।
🔹 प्रशासन हरकत में, पुलिस ने संभाली कमान
- स्थिति बिगड़ते देख प्रशासन ने कार्रवाई की।
- भारी संख्या में पुलिस बल को मौके पर भेजा गया।
- प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा।
🔹 नेताओं की गिरफ्तारी
- विधायक विजय सम्राट, माले नेता प्रभात पांडे और कांग्रेस के अन्य स्थानीय नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
- गिरफ्तारी सीआरपीसी धारा 15 के तहत की गई।
- पुलिस का दावा: “एहतियातन और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई कार्रवाई।”
🔹 नेताओं की प्रतिक्रिया
“हम शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे थे, लेकिन हमें गिरफ्तार किया गया। हम तैयार हैं, जहां ले चलना हो, चलिए।” – विधायक विजय सम्राट
“हमारे लगभग 100 से ज्यादा लोग थे, सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे।” – एक कार्यकर्ता
राजद नेताओं ने कहा: “यह लोकतंत्र की आवाज़ दबाने की साजिश है।”
🔹 पुलिस की सफाई
एसपी और एसडीएम ने बताया कि यह केवल प्रिवेंटिव अरेस्ट (सावधानीपूर्वक गिरफ्तारी) है और संध्या में सभी नेताओं को छोड़ दिया जाएगा।
पूरे इलाके में स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण बताई गई है।
🔚 निष्कर्ष
शेखपुरा में बिहार बंद ने साफ कर दिया है कि जनता और राजनीतिक दल चुनाव आयोग की कुछ नीतियों को लेकर नाराज़ हैं। हालांकि, प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए त्वरित कार्रवाई की और स्थिति पर नियंत्रण पाया। यह घटना लोकतंत्र और जनसंवेदनशीलता के बीच संतुलन की परीक्षा बन गई है।